दुनियाभर में हर साल हजारों लोगों की मौत का कारण बन रही है तेजी से फैलनी वाली चागास बीमारी। चागास रोग परजीवी ट्रिपैनोसोमा क्रूज़ी के कारण होने वाली एक बीमारी है। इसका नाम ब्राज़ीलियाई डॉक्टर कार्लोस चागास के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने सबसे पहले 1909 में इस बीमारी की पहचान की थी। जब कोई व्यक्ति पैरासाइट ट्रिपैनोसोमा क्रूज़ी से संक्रमित हो जाता है, तो चागास रोग हो सकता है। इस कीड़े को ट्रायटोमाइन या Kissing Bug भी कहते हैं जो पैरासाइट को इंसानों के शरीर तक पहुंचाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के आंकड़ों के मुताबित हर साल चागास से 12 हजार लोगों की मौत हो जाती है।
चागास रोग का क्या कारण है?
चागास रोग फैलाने वाले ये कीड़े आमतौर पर ग्रामीण लैटिन अमेरिका में गरीबी वाली जगहों पर पाए जाते हैं। एक्सपर्ट्स की मानें तो दक्षिण और मध्य अमेरिका और मेक्सिको में कम से कम 11 मिलियन लोगों को यह बीमारी है। हालांकि इनमें से ज्यादातर लोग ये नहीं जानते कि इसका इलाज मौजूद है। बिना दवा के ये चागास नामक ये जानलेवा बीमारी ठीक नहीं हो सकती है। अमेरिका से होते हुए ये बीमारी दुनियाभर के कई देशों में फैल चुकी है।
Chagas disease
WHO ने बताया खतरनाक
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चागास को एक साइलेंट डिजीज कहा है। क्योंकि ज्यादातर इस बीमारी से संक्रमित होने वाले लोगों में कोई लक्षण नजर नहीं आते हैं। कुछ लोगों को बहुत हल्के लक्षण दिखते है। WHO ने कहा है कि दुनिया भर में चगास रोग से करीब 6-7 मिलियन लोग हर साल संक्रमित हो रहे हैं और हर साल 12,000 लोगों की मौत हो रही है। इसलिए WHO हर साल 14 अप्रैल को चागास डिजीज के बारे में लोगों के बीच जागरुकता फैलाता है।
Chagas disease WHO
कैसे फैलता है चागास रोग
ये कीड़े आमतौर पर ग्रामीण इलाकों में घरों और आसपास की दीवारों, चिकन कॉप और गोदामों की दीवार या छत की दरारों में रहते हैं। पैरासाइट ट्रिपैनोसोमा क्रूज़ी दिन के समय में छिपे होते हैं और रात के समय में इंसानों और जानवरों का खून पीते हैं और फिर उसी जगह पर शौच या पेशाब करते हैं। कीड़े के काटने के बाद अगर आपने चेहरे पर हाथ लगाया और फिर उससे नाक, आंख, मुंह या किसी चोट वाली खुली जगह को छुआ तो संक्रमण हो सकता है। ट्रिपैनोसोमा क्रूज़ी जानवरों को भी संक्रमित करता है।
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चागास रोग के लक्षण
चगास रोग दो चरणों में होता है। तेजी से संक्रमण के बाद लगभग दो महीने तक रहता है। हालांकि ज्यादातर मामलों में हल्के और नजर न आने वाले लक्षण ही दिखते हैं। जिसमें बुखार, सिरदर्द, बढ़ी हुई लिम्फ ग्रंथियां, शरीर में पीलापन, मांसपेशियों में दर्द, सांस लेने में तकलीफ, सूजन और पेट या सीने में दर्द होने जैसे लक्षण नजर आते हैं। बहुत कम लोगों में ट्रायटोमाइन बग के काटने के बाद त्वचा पर घाव या एक आंख की पलकों में सूजन की समस्या होती है।
वहीं दूसरे क्रोनिक चरण में ये बग हार्ट और पाचन मांसपेशियों में छिपे होते हैं। संक्रमण होने के एक से तीन दशक बाद एक तिहाई लोगों में हार्ट संबंधी विकार दिखते हैं। 10 में से 1 मरीज पाचन और तंत्रिका संबंधी समस्याओं से पीड़ित होता है। कुछ साल बाद ऐसे रोगियों की तंत्रिका तंत्र और हार्ट की मांसपेशियां डैमेज होने लगती हैं। जिससे हार्ट फेल या फिर हार्ट कार्डियक एरिथमिया की स्थिति पैदा हो सकती है। ऐसी स्थिति में इंसान की मौत हो सकती है।
Chagas disease Symptoms
चगास रोग का इलाज
चगास रोग का इलाज बेंज़निडाज़ोल या निफर्टिमॉक्स से किया जा सकता है। ये दोनों दवाएं परजीवी को मारती हैं। अगर शुरुआत में ही ये दवाएं दे दी जाएं, तो असरदार काम करती हैं। हालांकि संक्रमण को जितना ज्यादा समय हो जाता है या फिर उम्र बढ़ने के साथ इन दवाओं का असर उतना नहीं रहता है। गर्भवती महिलाओं या किडनी या लीवर फेल वाले लोगों को ये दवाएं नहीं दी जानी चाहिए। इस बीमारी से बचने के लिए घरों और आसपास साफ सफाई रखें। समय-समय पर कीटनाशक दवाओं का छिड़काव कराएं। रात में सोते वक्त मच्छरदानी का उपयोग करें। किसी भी तरह का ब्लड लेने से पहले जांच कराएं।
Chagas disease Treatment