Bareilly: नौ वृहद गो संरक्षण केंद्रों का लोकार्पण

बरेली। उत्तर प्रदेश में गोवंश संरक्षण के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं। इस कड़ी में पशुपालन विभाग द्वारा बरेली के सुभाष इंटर कॉलेज आंवला में नौ वृहद गो संरक्षण केंद्रों का भव्य लोकार्पण किया गया।कार्यक्रम में मुख्य रूप से पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. मेघ श्याम कार्यक्रम में मुख्य अतिथि पशुपालन एवं दुग्ध विकास तथा राजनैतिक पेंशन कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह और विशिष्ट अतिथि वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार डॉक्टर अरुण कुमार , जिला पंचायत अध्यक्ष रश्मि पटेल, महापौर डॉ. उमेश गौतम रहे। कार्यक्रम अध्यक्षता डॉ. डीसी वर्मा विधायक, मीरगंज नें की।
कार्यक्रम का आगाज़ दीप प्रज्वलन और सरस्वती पूजा से किया गया। वही पशुपालन मंत्री धर्मपाल नें गोवंश संरक्षण के महत्व पर चर्चा की। उन्होंने कहा, “गोवंश हमारे समाज और संस्कृति का अभिन्न हिस्सा हैं। यह न केवल हमारी कृषि अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण अंग हैं, बल्कि हमारे पर्यावरण और जैव विविधता के संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सरकार का यह प्रयास है कि हर बेसहारा गोवंश को सुरक्षित आश्रय मिले और उनके स्वास्थ्य और पोषण का समुचित ध्यान रखा जाए।” मंत्री धर्मपाल ने कहा, “गोवंश संरक्षण केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि हर नागरिक का कर्तव्य है। हमें अपने समाज में यह भावना जागृत करनी होगी कि गोवंश हमारे परिवार का हिस्सा हैं। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई भी गोवंश बेसहारा न हो और उन्हें सही देखभाल और पोषण मिल सके।” उन्होंने पशुपालकों को प्रेरित करते हुए कहा, “आप सभी को गोवंश के संरक्षण में सक्रिय भूमिका निभानी होगी। अपने कीमती गोवंश और उनके बछड़ों को न छोड़ें। उन्हें सही देखभाल और पोषण दें ताकि वे स्वस्थ और उत्पादक बन सकें। सरकार आपके साथ है और हर संभव सहायता प्रदान करेगी। इसके अलावा उन्होंने कहा प्रदेश में चरागाह की भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कर उन पर नेपियर घास विकसित की जा रही है। उन्होंने जोर देते हुए बताया कि इन भूमि को गोचर भूमि के रूप में विकसित करने के पीछे मुख्य उद्देश्य गौशालाओं में मौजूद प्रत्येक गौ माता को पर्याप्त हरा चारा उपलब्ध कराना है। मंत्री जी ने कहा कि नेपियर घास न केवल पोषक तत्वों से भरपूर है, बल्कि इसकी ऊंची उत्पादन क्षमता भी है, जिससे पूरे वर्ष भर गौ माता के लिए पर्याप्त हरा चारा सुनिश्चित किया जा सकेगा। इससे न केवल गौ माता का स्वास्थ्य बेहतर रहेगा, बल्कि उनके दुग्ध उत्पादन में भी वृद्धि होगी। इसके अलावा, नेपियर घास का उपयोग करने से गौशालाओं पर आर्थिक बोझ भी कम होगा, क्योंकि हरे चारे की उपलब्धता से गौशालाओं में खरीदने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। नवनिर्मित गौशालाएं तहसील आंवला के विकास खण्ड मझगवां के ग्राम अनिरूद्धपुर, विकास खण्ड रामनगर के ग्राम मऊचन्द्रपुर, विकास खण्ड आलमपुर जाफराबाद के ग्राम सिकोड़ा, तहसील फरीदपुर के ग्राम करतौली, विकास खण्ड कुऑटांडा के शेखापुर, तहसील सदर विकास खण्ड क्यारा के ग्राम मानपुर अहियापुर, तहसील बहेड़ी के ग्राम अम्बरपुर, विकास खण्ड दमखोदा के ग्राम बांसबोझ, तहसील मीरगंज के ग्राम चुरई दलपतपुर में निर्मित की गयी हैं। प्रत्येक गौशाला एक हेक्टेयर क्षेत्रफल में बनायी गयी है, जिसमें प्रति गौशाला 300 गौवंशों को रखने की क्षमता है। कार्यक्रम में मौजूद डॉ डीसी. वर्मा नें जानकारी देते हुए बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही सभी योजनाएं राज्य में पशुधन के समग्र विकास और पशुपालकों की आर्थिक स्थिति सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। ये योजनाएं पशुपालन के क्षेत्र में नवाचार, उत्पादकता वृ‌द्धि और पशुपालकों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं।
जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने गो संरक्षण केंद्रों की स्थापना को एक महत्वपूर्ण कदम बताया और कहा कि ये केंद्र गोवंश के संरक्षण और संवर्धन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उन्होंने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को निर्देश दिया कि वे इस अभियान को सफल बनाने के लिए पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ कार्य करें। “यह हमारा साझा प्रयास है और हमें मिलकर इसे सफल बनाना है।पशुपालन विभाग उत्तर प्रदेश शासन से प्रमुख सचिव रविंद्र जी (आईएएस), विशेष सचिव देवेंद्र कुमार पांडेय (आईएएस), और विभागाध्यक्ष डॉ. पी.एन. सिंह तथा जनपद के जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार मौजूद रहे

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Author: The LaalTen

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