बरेली। शहर में अवैध निर्माणों पर रोक लगाने के लिए बरेली विकास प्राधिकरण (बीडीए) ने नई पहल की घोषणा की है। प्राधिकरण ने अवैध निर्माणों की सटीक पहचान के लिए ड्रोन सर्वे और थ्रीडी स्ट्रक्चर एनालिसिस का सहारा लेने का फैसला किया है। इससे चोरी-छिपे किए गए निर्माण कार्यों का पता लगाया जा सकेगा।
तकनीकी प्रस्तुति हुई
इस तकनीक के उपयोग की योजना पर विशेषज्ञों ने बीडीए के उपाध्यक्ष के समक्ष प्रस्तुति दी। ड्रोन और थ्रीडी एनालिसिस की मदद से अवैध निर्माणों का न केवल सटीक चिन्हांकन होगा, बल्कि यह भी पता लगाया जा सकेगा कि निर्माण किस समय किया गया है। इससे अवैध निर्माणों के लिए जिम्मेदार अधिकारियों और कार्मिकों की जवाबदेही भी तय की जा सकेगी।
अवैध निर्माणों पर सख्त कार्रवाई
प्राधिकरण ने स्पष्ट किया है कि ड्रोन सर्वे के बाद उत्तर प्रदेश नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम-1973 की धाराओं के तहत अवैध निर्माणों पर कार्रवाई की जाएगी। इसमें निर्माण कार्य रोकने, सील करने और ध्वस्त करने जैसे कड़े कदम उठाए जाएंगे।
चोरी-छिपे निर्माणों पर नजर
बीडीए का कहना है कि यह नई तकनीक ऐसे निर्माण कार्यों को भी पकड़ने में सक्षम होगी, जो अब तक परंपरागत जांच से बच जाते थे। यह कदम शहर में सुव्यवस्थित विकास को सुनिश्चित करने और अवैध गतिविधियों पर लगाम लगाने में मदद करेगा।
जल्द शुरू होगा सर्वे
प्राधिकरण ने ड्रोन सर्वे का कार्य शीघ्र शुरू करने की योजना बनाई है। बीडीए ने शहरवासियों से अपील की है कि वे अवैध निर्माण से बचें और प्राधिकरण के नियमों का पालन करें।
यह पहल बरेली को एक सुनियोजित और बेहतर शहर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।