बरेली। आईएमए बरेली, आईएपी बरेली और महेंद्र-गायत्री स्कूल ऑफ नर्सिंग बरेली के संयुक्त तत्वावधान में बेसिक न्यूबॉर्न रिससिटेशन प्रोग्राम (एनआरपी) पर कार्यशाला आयोजित की गई। यह कार्यशाला आईएमए भवन, बरेली में संपन्न हुई।
इस कार्यक्रम में बताया गया कि प्रसव से पहले सभी उपकरणों और प्रसव-कक्ष की उचित तैयारी होनी चाहिए। प्रसव के दौरान और बाद में नवजात शिशु की देखभाल के लिए प्रशिक्षित एनआरपी स्टाफ की उपस्थिति अनिवार्य है। नवजात शिशु के जन्म के बाद उसके तुरंत रोने और सांस लेने की स्थिति को सुनिश्चित करना आवश्यक है। अगर बच्चा सांस नहीं लेता है, तो उसके पेट पर तुरंत मालिश (जेंटल रब) करनी चाहिए और जरूरत पड़ने पर एम्बू बैग का उपयोग कर शिशु को सांस दी जानी चाहिए।
कार्यक्रम में यह भी बताया गया कि नवजात शिशु के जीवन के पहले मिनट को ‘गोल्डन मिनट’ कहा जाता है, जिसमें उसकी सांस चालू हो जानी चाहिए। शिशु को विटामिन-के का इंजेक्शन और मां का दूध पिलाने की सलाह दी गई।
इस कार्यशाला में प्रशिक्षक के रूप में डॉ. आरिफ हुसैन, डॉ. अतुल अग्रवाल, डॉ. अतुल श्रीवास्तव, डॉ. जी.एस. खंडूजा और डॉ. शिवानी बंसल, डॉ महेंद्र गंगवार मौजूद रहे। कार्यक्रम में महेंद्र-गायत्री स्कूल ऑफ नर्सिंग की प्राचार्या श्रीमती प्रियंका विल्सन और उनकी टीम का विशेष योगदान रहा।
आईएमए बरेली और आईएपी बरेली ने घोषणा की है कि वे भविष्य में ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन जारी रखेंगे, ताकि अधिक से अधिक नर्सिंग स्टाफ और मेडिकल पेशेवरों को नवजात शिशु की सुरक्षा और देखभाल के लिए प्रशिक्षित किया जा सके।