बरेली। देशभर में बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी के खिलाफ समाजवादी पार्टी महिला सभा ने बरेली में जोरदार प्रदर्शन करते हुए जिलाधिकारी के माध्यम से उत्तर प्रदेश सरकार को ज्ञापन सौंपा। इस दौरान महिला सभा की जिला अध्यक्ष स्मिता यादव और पूर्व महापौर सुप्रिया ऐरन ने महंगाई पर सरकार की विफलताओं को उजागर करते हुए तीखी टिप्पणियां कीं। महिलाओं ने बढ़ती कीमतों और बेरोजगारी को जनता के लिए “सबसे बड़ा संकट” बताया।
महंगाई ने तोड़ी कमर, सरकार ढूंढ रही ध्यान भटकाने के तरीके
स्मिता यादव ने कहा कि खाद्यान्न, सब्ज़ियां, दालें, तेल और गैस सिलेंडर की बढ़ती कीमतों ने आम आदमी की कमर तोड़ दी है। मध्यम और निम्न वर्ग के परिवारों पर इसका सबसे ज्यादा असर हुआ है। वेतन में वृद्धि न होने से उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो गई है।
उन्होंने कहा, “युवाओं को रोजगार देने और महंगाई को कम करने की जगह सरकार केवल जनता का ध्यान भटकाने के नए-नए तरीके ढूंढ रही है। शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे बुनियादी क्षेत्रों में भी इसका प्रभाव पड़ रहा है।”
सुप्रिया ऐरन ने कविताओं में व्यक्त की पीड़ा
पूर्व महापौर सुप्रिया ऐरन ने कवि कैलाश गौतम की पंक्तियों के जरिए जनता की स्थिति को बयां किया:
“घर फूटे गलियारे निकले आँगन गायब हो गया,
शासन और प्रशासन में अनुशासन गायब हो गया।
त्यौहारों का गला दबाया बदसूरत महँगाई ने,
आँख मिचोली, हँसी ठिठोली छीना है तन्हाई ने।”
उन्होंने कहा कि यह स्थिति सिर्फ महंगाई तक सीमित नहीं है, बल्कि शासन-प्रशासन में अनुशासन की कमी ने जनता के विश्वास को भी चोट पहुंचाई है।
महिलाओं का गुस्सा: ठोस कदम उठाने की मांग
महिला सभा की ओर से दिए गए ज्ञापन में सरकार से यह मांग की गई है:
1. आवश्यक वस्तुओं की कीमतों पर तत्काल नियंत्रण लगाया जाए।
2. बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित किए जाएं।
3. महंगाई को नियंत्रित करने के लिए दीर्घकालिक नीतियां बनाई जाएं।
4. शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार किया जाए।
ज्ञापन देने वालों में ये लोग रहे शामिल
ज्ञापन देने वालों में जिला महासचिव दीक्षा सक्सेना, ऊषा यादव, रिश्वाना ईदुल, इकरा हसन, स्वाति शर्मा, निष्ठा पटेल, गुड़िया गंगवार और सुनीता देवी समेत बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल रहीं।
निष्कर्ष
बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी के खिलाफ समाजवादी पार्टी महिला सभा का यह प्रदर्शन जनता की पीड़ा और सरकार की नीतियों पर सवाल उठाता है। महिलाएं इस मुद्दे पर सड़कों पर उतरकर सरकार को सचेत कर रही हैं कि अब आम जनता को राहत देने के लिए ठोस कदम उठाने का समय आ गया है।